भाव- द हाउस( घर)
भाव
वैदिक ज्योतिष में, जन्म कुंडली भाव चक्र (संस्कृत: चक्र, ‘पहिया’) है। भाव चक्र जीवन का संपूर्ण 360° चक्र है, जो भावों में विभाजित है, और चक्र में प्रभावों को क्रियान्वित करने के हमारे तरीके का प्रतिनिधित्व करता है। प्रत्येक भाव के साथ कारक (संस्कृत: कारक, ‘संकेतक’) ग्रह सम्बद्ध होते हैं, जो किसी विशेष भाव की व्याख्या को परिवर्तित कर सकते हैं।
स्लाइड प्रस्तुतियाँ ग्रह की भाव स्थिति के प्रभाव को समझना। भाव मध्य के सापेक्ष ग्रह के सटीक देशांतर अंश का महत्व। 30 अंश के प्रभाव को तीस तिथियों के रूप में समझना, जिसमें 15 पूर्ववर्ती अंश शुक्ल पक्ष और 15 परवर्ती अंश कृष्ण पक्ष हैं। भाव संधि अमावस्या के समान है। लग्न के सापेक्ष भाव लग्न का प्रभाव। |