भाव
भाव
वैदिक ज्योतिष में, जन्म कुंडली भाव चक्र (संस्कृत: चक्र, ‘पहिया’) है। भाव चक्र जीवन का संपूर्ण 360° चक्र है, जो भावों में विभाजित है, और चक्र में प्रभावों को क्रियान्वित करने के हमारे तरीके का प्रतिनिधित्व करता है। प्रत्येक भाव के साथ कारक (संस्कृत: कारक, ‘संकेतक’) ग्रह सम्बद्ध होते हैं, जो किसी विशेष भाव की व्याख्या को परिवर्तित कर सकते हैं।
लग्न सूर्य
बाह्य व्यक्तित्व, शारीरिक बनावट, स्वास्थ्य/कल्याण, बाल, रूप-रंग, स्वाद
2 धन बृहस्पति बुध, शुक्र, सूर्य, चंद्रमा
धन, पारिवारिक संबंध, खान-पान, वाणी, नेत्र, मृत्यु
3 सहज मंगल
प्राकृतिक अवस्था, सहज स्वभाव, साहस, वीरता, भाई-बहन ,पौरुष