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ज्योतिष देवता

 संजय रथ  27 दिसम्बर 2014

ज्योतिष के कुछ प्रमुख विषय हैं जिनमें शामिल हैं –

लक्षण शास्त्र जिसका अर्थ है शरीर और आसपास के संकेतों और संकेतों का अध्ययन। इसमें हस्त-रेखा शास्त्र या हस्तरेखा विज्ञान शामिल है जो सुब्रह्मण्य या कार्तिकेय की विशेषता है।
होरा शास्त्र गणेश की शक्ति है
वैदिक अंकज्योतिष सहित गणित शास्त्र दूसरा प्रमुख विषय है

…. ये सभी गणित, होरा और संहिता नामक तीन शाखाओं के अंतर्गत आते हैं।

एक बार कार्तिकेय और गणेश के बीच शास्त्रार्थ हुआ और भगवान शिव निर्णायक थे। कार्तिकेय ने संपूर्ण लक्षण शास्त्र लिखा जबकि गणेश ने होरा शास्त्र लिखा। शिव ने

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आवश्यक समय

 संजय रथ  23 दिसम्बर 2014

प्रति सप्ताह कितने घंटे यानी कितना समय आवश्यक है? और संपर्क कार्यक्रम किस महीने (लगभग) में आयोजित किया जाएगा?

उत्तर: आप अपनी गति से पाठ्यक्रम का अध्ययन कर सकते हैं क्योंकि प्रत्येक व्यक्ति का विषय सीखने का अपना समय और तरीका होता है। वैदिक अध्ययन में, सुबह 4-4.30 बजे जल्दी उठने और सुबह 5 बजे से अध्ययन शुरू करने की सलाह दी जाती है। इस तरह आप हर सुबह लगभग 1-2 घंटे अध्ययन कर सकते हैं जब कोई व्यवधान न हो और मन भी अच्छी तरह से विश्राम कर सके और दिन भर की ऊर्जा से मुक्त हो।  सुबह के समय मन बहुत सात्विक अवस्था में होता है जबकि लगभग 8 बजे के बाद, दिन का रजोगुण धीरे-धीरे प्रबल होता जाता है।

हर महीने लगभग कुछ पाठ नियमित रूप से उपलब्ध कराए जाएँगे और आपसे अपेक्षा की जाती है कि आप पूरे महीने उनका अध्ययन करें।

पीजेसी हिमालय कक्षाएं आमतौर पर हर साल सितंबर-नवंबर के बीच वर्ष के अंत में आयोजित की जाती हैं।  सभी पीजेसी सत्र एवं कक्षाएं हमेशा गुरुवार को शुरू होती हैं।प्रति सप्ताह कितने घंटे यानी कितना समय आवश्यक है? और संपर्क कार्यक्रम किस महीने (लगभग) में आयोजित किया जाएगा?

उत्तर: आप अपनी गति से पाठ्यक्रम का अध्ययन कर सकते हैं क्योंकि प्रत्येक व्यक्ति का विषय सीखने का अपना समय और तरीका होता है। वैदिक अध्ययन में, सुबह 4-4.30 बजे जल्दी उठने और सुबह 5 बजे से अध्ययन शुरू करने की सलाह दी जाती है। इस तरह आप हर सुबह लगभग 1-2 घंटे अध्ययन कर सकते हैं जब कोई व्यवधान न हो और मन भी अच्छी तरह से विश्राम कर सके और दिन भर की ऊर्जा से मुक्त हो।  सुबह के समय मन बहुत सात्विक अवस्था में होता है जबकि लगभग 8 बजे के बाद, दिन का रजोगुण धीरे-धीरे प्रबल होता जाता है।

हर महीने लगभग कुछ पाठ नियमित रूप से उपलब्ध कराए जाएँगे और आपसे अपेक्षा की जाती है कि आप पूरे महीने उनका अध्ययन करें।

पीजेसी हिमालय कक्षाएं आमतौर पर हर साल सितंबर-नवंबर के बीच वर्ष के अंत में आयोजित की जाती हैं।  सभी पीजेसी सत्र एवं कक्षाएं हमेशा गुरुवार को शुरू होती हैं।

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ऑनलाइन कक्षाएं

 संजय रथ  23 दिसम्बर 2014

इंटरनेट के माध्यम से ऑनलाइन कक्षाएं कैसे संचालित की जाती हैं?

उत्तर: ऑनलाइन कक्षाएं ज़ूम या गोटू वेबिनार आदि सॉफ्टवेयर द्वारा पाठों के माध्यम से संचालित की जाती हैं।

आवश्यकतानुसार महीने में लगभग चार बार या उससे अधिक बार ट्यूटोरियल/वेबिनार आयोजित किया जाएगा। कुछ ट्यूटोरियल उपलब्धता के अनुसार, मार्गदर्शक द्वारा भी संचालित किए जा सकते हैं ।

प्रत्येक वर्ष कम से कम 10 दिनों की एक संपर्क कक्षा भी होगी। ट्यूटोरियल और संपर्क कक्षा में उपस्थिति वैकल्पिक है। वार्षिक संपर्क कक्षा भारत में आयोजित की जाएगी।

समय-समय पर आपके प्रश्नों के उत्तर देने के लिए हमारा एक  फोरम या टेलीग्राम ग्रुप बनाया जायेगा जिसमे आपके प्रश्नो के उत्तर दिए जायेंगे ।